bharti bhawan class 10 प्रकाश के परावर्तन solution
Class 10 Physics Chapter 1 || Reflection Of Light : प्रकाश का परावर्तन
- समतल दाण पर पड़नेवाली एक ही प्रकाश किरण की कितनी परावर्तित किरणे हो सकती
उत्तर-समतल दर्पण पर पड़नेवाली एक ही प्रकाश किरण की निम्नलिखित परावर्तित किरणें हो सकती हैं
(i) आपतित किरण (ii) परावर्तित किरण। 2.समतल दर्पण पर लंबवत पड़नेबोली किरण किस प्रकार परावर्तित होती है।
उत्तर-समतल दर्पण पर लंबवत पड़नेवाली प्रकाश की किरण परावर्तन के बाद उसी पथ पर वापस लौट जाती है।
- समतल दर्पण पार अभिलंब आपतन (Normaluncidence) के लिए परावर्तन कोण का मान कितना है?
उत्तर-समतल दर्पण पर अभिलंब आपतन के लिए परातर्वन कोण का मान 90° है। 4.प्रकाश के परावर्तन के कितने नियम है। उत्तर-प्रकाश के पवर्तन के दो नियम है।
5.समतल दर्पणा से वस्तु-दुरी और प्रतिबिम्ब-दुरी में क्या संबाधा है।।
उत्तर -वस्तु दूरी = प्रतिबिंब दूरी
6.गोलीय दर्पण कितने प्रकार के होते है उसके नाम लिखे
उत्तर:- गोलीय दर्पण निम्नलिखित दो प्रकार के हैं : (i) अवतल दर्पण (ii) उत्तल दर्पण।
7. गोलीय दर्पणा के मुख्या अक्ष क्या है ?
उत्तर :- गोलीय दर्पण के ध्रुव से वक्रता-केन्द्र को मिलानेवाली सरल रेखा को दर्पण का प्रधान का मुख्य अक्ष (princpal axis) कहते हैं।
8.अवतल दर्पण के फोकस ( की परिभाषा दें।
उत्तर:- किसी अवतल दर्पण का फोकस उसके मुख्य अक्ष पर वह बिन्दु है। जहाँ मख्य अक्ष के समांतर आती किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद मिलती है।
9.गोलीय दर्पणा की फोकस -दूरी (f) और उसकी वक्रता त्रिज्या (R) में क्या सम्बन्ध है

- एक दर्पण का नाम बालाएँ जो किसी वस्तु कासीधा और आवर्धित प्रतिबिम्ब दे सके
ऊत्तर- समतल दर्पण।
11 .एक अवतल दर्पण द्वासा आभासी प्रतिबिंब बनने के लिए वस्तु का स्थान कहाँ होना चाहिए?
उत्तर-एक अवतल दर्पण द्वारा आभासी प्रतिबिंब बनने के लिए वस्तु या बिंब का स्थान ध्रुव तथा फोकस के बीच होना चाहिए।
- यदि कोई वस्तु किसी अवतल दर्पण के बनाता केन्द्र पर रखी हो तो उसका प्रतिबिंब कहाँ और कैसा बनता है .
उत्तर- यदि कोई वस्तु किसी अवतल दर्पण के वक्रता केन्द्र पर रखी हो तो उसका प्रतिबिंब वक्रता-केन्द्र पर ही बनता है ये प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा और वस्तु के आकार के बराबर होता है।
13.वस्तु दूरी का चिन्ह क्या होगा जब एक अवतल दर्पण के सामने किसी वस्तु को रखा जाता हैं |
उत्तर-ऋणात्मक
14. 10m फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण से 15m की दूरी पर रखी वस्तू के प्रतिबिंबा की प्रकृति क्या होगी?

अतः प्रतिबिंब वस्तु से बड़ा वास्तविक और उल्टा होगा।
- अवतल दर्पण से किस दूरी पर एक वस्तु को रखा जाए कि प्रतिबिम्ब का आकर वस्तु के आकार के बराबर हो? .
उत्तर-दर्पण के वक्रता केन्द्र पर।
- किस गोलीय दर्पण में केवल काल्पनिक प्रतिबिंब खनता है?
उत्तर-उत्तल दर्पण में केवल काल्पनिक प्रतिबिंब बनता है।
- क्या एक उत्तल दर्पण किसी (वास्तविक) वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब बना सकता है?
उत्तर-नहीं।
- एक दर्पण की फोकस-दूरी f=-15 cm है। यह अवतल दर्पण है या
उत्तर-अवतल दर्पण।
19.गोलीय दर्पण के आवर्धन की परिभाषा दें।
उत्तर-प्रतिबिंब की ऊँचाई और वस्तु (बिंब) की ऊंचाई के अनुपात को आवर्धन ( magnification) कहा जाता है। आवर्धन को m से सूचित किया जाता है।

20.आवर्धन m का ऋणात्मक मान क्या बताता
उत्तर-आवर्धन m का ऋणात्मक मान यह बतलाता है कि प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष उल्टा बनता है, अर्थात् प्रतिबिंब वास्तविक (real) है।
21.एक गोलीय दर्पण की वक्रता विज्या 20 है। इसकी फोकस-दूरी कितनी होगी?
उत्तर-दिया गया है कि गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या
R= 20 cm

अतः गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी 10 cm है।
- उलल दांपा के एक उपयोग को लिखें।
उत्तर-उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिरर के रूप में किया जाता है।
23.उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात करो जिसकी वक्रता बिन्या 32 cm है।
–
- काल्पनिक प्रतिबिंब से आप क्या समझाते हैं?
उत्तर-किसी बिंदु-स्रोत से आती किरणें परावर्तन के बाद जिस बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती है, उसे उस बिंदु का काल्पनिक या आभासी प्रतिबिंब कहते हैं। चूँकि दर्पण उत्तल है इसीलिए f= + 16 होगा।
- समतल दर्पण में आवर्धन m =+1 का क्या अर्थ है ?
उत्तर-समतल दर्पण में आवर्धन m=+ 1 का अर्थ है कि प्रतिबिंब का आकार (Size) वस्तु के आकार के बराबर है और m का धनात्मक (+) चिह्न बताता है कि वह (प्रतिबिंब) वस्तु के सापेक्ष सीधा (erect) है।
- गोलीय दर्पण, जिसका वक्रता केन्द्र है, पर एक किरण ACB आपतित होती है। यह किस दिशा में परावर्तित होगी?
उत्तर-एक गोलीय दर्पण,जिसका वक्रता केंद्र C है पर एक किरण ACB आपतित होती है तब वह उसी दिशा में लौट जाती है क्योंकि की दिशा में लौट जाती है क्योंकि वक्रता त्रिज्या दर्पण पर स्थित किसी बिन्द पर
होती है. इसलिए जो किरण दर्पण के वक्रता केन्द्र C पर पड़ती है तो वह दर्पण पर लंबवत होती है। अतः परावर्तन के बाद वह किरण उसी पथ पर लौट जाती है।
27.अवतल दर्पण के कोई दो उपयोग लिखें।
उत्तर-अवतल दर्पण के उपयोग :
(i)अवतल दर्पण का उपयोग हजामती (दाढ़ी बनाने के लिए) दर्पण के रूप में किया जाता है।
(ii) टार्च, वाहनों के हेडलाइटों तथा सर्चलाइटों में अवतल दर्पण का परावर्तकों के रूप में किया जाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1.अपसारी, समांतर और अभिसारी किरणपुंज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-(1) अपसारी किरणपुंज इस प्रकार के किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक बिंदु-स्रोत से निकलकर फैलती चली जाती हैं।
(i) समांतर किरणपुंज-ऐसे किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक-दूसरे के समांतर होती – हैं बहुत अधिक दूरी पर स्थित प्रकाश स्रोत (जैसे—सूर्य) से आते किरणपुंज को समांतर किरणपुंज माना जाता है।
(iii) अभिसारी किरणपुंज —इस प्रकार के किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक बिन्दु पर आकर मिलती हैं या मिलती हुई प्रतीत होती है। अत: ऐसे किरणपुंज में किरणों के बीच की दूरी घटती जाती है।
2.पारदर्शी, पारभासी तथा अपारदशी में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-पारदर्शी, पारभासी तथा अपारदर्शी पदार्थों में अंतर को निम्नलिखित रूप से स्पष्ट किया जा सकता है
(d) पारदशी पदार्थ वे पदार्थ जिनसे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, पारदर्शी (transparent) पदार्थ कहलाते हैं। जैसे-काँच, पानी, हवा आदि पारदर्शी पदार्थ हैं।
पारभासी पदार्थ वे पदार्थ जो उन पर पड़ने वाले प्रकाश के एक छोटे-से भाग को ही अपने में से होकर जाने देते हैं वे पारभासी (translucent) पदार्थ कहलाते हैं। जैसे—घीसा हुआ काँच, तेल लगा हुआ कागज, बैलून का रबर, दूध इत्यादि पारभासी पदार्थ हैं।
(i) अपारदर्शी पदार्थ-वे पदार्थ जो प्रकाश को अपने से होकर नहीं जाने देते, अपारदर्शी (opaque) पदार्थ कहलाते हैं। जैसे लकड़ी, लोहा, पत्थर, अलकतरा, पेंट, धातु की प्लेट इत्यादि अपारदर्शी पदार्थ हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि पारदर्शी, पारभासी तथा अपारदर्शी पदार्थ म अन्तर है।
- प्रकाश के परावर्तन के नियमों को लिखें। ,
उत्तर-परावर्तन के दो नियम हैं–
- आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिंदु से खींचा गया अभिलंब तीनों एक समतल में होते
- आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है।.
4.वास्तविक और आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंबों में क्या अंतर है ?
उत्तर- वास्तविक और आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंबों में निम्नलिखित अंतर है
वास्तविक प्रतिबिम्ब |
आभासी प्रतिबिम्ब |
1. किसी बिन्दु स्रोत से निकली हुई पुंज परावर्तन या अपवर्तन के बाद के बाद जिस बिन्दु पर मिलती है उसे वास्तविक प्रतिबिम्ब कहते हैं। 2. इसे पर्दे पर उतारा जा सकता है। 3. यह हमेशा उल्टा होता है
|
1.किसी बिन्दु स्रोत से निकली हुई किरण पुंज परावर्तन या अपवर्तन जिस बिन्दु से अपसत होती हुई प्रतीत होती है उसे.आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं।
(b) इसे पर्दे पर उतारा नहीं जा सकता है। (c) यह हमेशा सीधा होता है। |
5.समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिलिंबों के किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर- समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंबों की तीन विशेषतायें निम्नलिखित हैं
(i) प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
(ii) प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है। (iii) प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा सीधा बनता है।
- अंवत्तल दर्पण तथा ऊत्तल दर्पण में अंतर स्पष्ट करें। उत्तर- अवत्तल दर्पण तथा उत्तल दर्पण में निम्नलिखित अन्तर है.
अवतल दपण |
उतल दर्पण |
(a) इसमें परावर्तक सतह धंसी होती है। (b) उभरे भाग पर पॉलिश किया रहता है। (c) वास्तविक एवं काल्पनिक दोनों प्रतिबिम्ब बनते हैं।
|
(a) इसमें परावर्तक सतह उभरी होती है। (b) धसे भाग पर पॉलिश किया रहता है। (C) हमेशा काल्पनिक प्रतिबिम्ब बनते हैं।
|
7.गोलीय दर्पण की वक्रता-विज्या से आपका क्या तात्पर्य होता है ?
उत्तर-गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है, उसकी त्रिज्या को दर्पण की वक्रता त्रिज्या (radius of curvature) कहते हैं।
- किस दर्पण के केवल काल्पनिक प्रतिबिंब बनता है-अवतल, उत्तल या समतल
उत्तर-उत्तला
- उत्तला दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिररु (side mirror) या पीछे देखने के आइने (reus-wiew mirror) के रूप में क्यों किया जाता है ? .
उत्तर-उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिरर (side mirror) या पीछे देखने के आइने (rear-viewmirror) के रूप में इसलिए किया जाता है क्योंकि उत्तल दर्पण में बना प्रतिबिंब छोटा. सीधा एवं ध्रुव तथा फोकस के बीच होता है। इस दर्पण का दृष्टि क्षेत्र (field of view) अधिक होता है। इन्हीं कारणों से इसका उपयोग साइड मिरर के रूप में किया जाता है।
- अवतल दर्पण में प्रमाणित करें कि f=R/2
उत्तर:-

11.अनंत और बकता केन्द्र के बीच रखी वस्तु का अवतल दर्पण से बने पनि का निर्धारण स्वच्छा किरण आरेख खींचकर करें।
12.निम्नांकित चित्र के किरण आरेख को पूरा कर प्रतिबिंब का स्थान निर्धारित करें।
- स्पष्ट किरणा आरेख द्वारा अवतल दर्पण में आभासी (काल्पनिक) एवं आवारत (Magnified) प्रतिबिंबकाबनना दिखाए। इस प्रकार प्रयुक्त अवतल दागा का एक व्यावहारिक उपयोग भी बताएं।
इस प्रकार प्रयुक्त अवतल दर्पण का व्यवहारिक ज्ञान :
। (i) इसका प्रयोग हजामती (दाढ़ी बनाने के के लिए) दर्पण के रूप में किया जाता है।
- इसी 25 cm फोकस दूरी के अवतल दर्पण की सहायता से सीधा (erect) प्रतिबिंब बनाना हो, तो दर्पण से वस्तु की दूरी का परास (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होगी। प्रतिबिंब वस्तु से बड़ा होगा कि छोटा, इस परिस्थिति में प्रतिबिन के बनने की क्रिया को दर्शाने के लिए एक किरण आरेख खींचे।
उत्तर- जब वस्तु अवतल दर्पण के सामने उसके ध्रव (Pole) और फोकस क बाच महाता उस वस्तु का सीधा और आवर्धित प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है। अतः उपर्युक्त परािस्थात म वस्तु की दूरी दर्पण से 0 से 25 cm के बीच होनी चाहिए। प्रतिबिंब आभासी (काल्पनिक) हागा और वह वस्तु से बड़ा होगा।
- किरण आरेख की सहायता से स्पष्ट करें कि उत्तल दर्पण में किसी वस्तु के प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति क्या होगी?
उत्तर
- कल्पना कीजिए कि आप एक चमकीले कागज से ढंके बेलनाकार खम्भे के सामने खड़े हैं। इस प्रकार से बने बेलनाकार दर्पण में आप अपना किस प्रकार का प्रतिबिंब देखेंगे?
उत्तर- प्रश्न के अनुसार बेलनाकार दर्पण एक तरह से समतल दर्पण और उत्तल दर्पण का संयोजन (Combination) है। उर्ध्वाधरतः (Vertically) यह एक समतल दर्पण और क्षैतिजतः (Horizontally) एक उत्तल दर्पण की तरह कार्य करेगा। अतः ऐसे दर्पण में व्यक्ति के प्रतिबिंब की लम्बाई व्यक्ति के लम्बाई के बराबर होगी; परंतु व्यक्ति के शरीर की चौड़ाई (width) से प्रतिबिंब के शरीर की चौड़ाई कम होगी। इसलिए ऐसे दर्पण में व्यक्ति को अपना चेहरा और शरीर पतला दिखाई देगा।
17.निम्नलिखित परिस्थितियों में जिस प्रकार के दर्पण का उपयोग किया जाता है उनका नाम बताएँ
(a) कार के हेडलाइट (b) वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने का आइना (rear view mirror) (c) सौर भट्ठी (solar furnace)
उत्तर-(a) अवतल दर्पण (b) उत्तल दर्पण (c) अवतल दर्पणा
प्रकाश का अपवर्तन (Refraction Of Light ) physics vvi objective question board exam 2022